विकास माली/ 
बालोतरा।
जन जन की आस्था का केंद्र विश्व विख्यात बाबा रामदेजी की विश्राम स्थली बाबा रामदेवजी मंदिर बिठूजाधाम का 23 वां वार्षिकोत्सव (पाटोत्सव ) का दो दिवसीय कार्यक्रम हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ मनाया गया।दो दिवसीय पाटोत्सव के तहत भजन संध्या, हवन पूजा, महाआरती, महाप्रसादी, ध्वजा सहित अनेको धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए जिसमे हजारो की सख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
ट्रस्ट अध्यक्ष भैरूलाल डागा ने बताया कि वार्षिकोत्सव (पाटोत्सव) के अवसर पर मंगलवार
को प्रात: बाबा रामसापीर की आदमकद प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक करवाकर लाभार्थी 
परिवार सहित श्रद्धालुओं ने महाआरती की। दो दिवसीय मेले के दौरान मंदिर परिसर में दिनभर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहीं। श्रद्धालुओं ने मंदिर में बाबा रामसापीर की प्रतिमा के दर्शन पूजन कर क्षेत्र व घर परिवार में सुख समृद्धि की कामनाएं की।इस दौरान मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी व ध्वज पताकाओं से विशेष रूप से सुसज्जित किया गया था।दिनभर पर मंदिर परिसर के समीप भजन कीर्तन का आयोजन किया गया।जिसमें क्षेत्र के विभिन्न कलाकारों ने बाबा रामदेव जी के भजनों सहित विभिन्न की प्रस्तुतियां दी।
बिठूजाधाम पर बाबा रामदेव की जयघोष के साथ किया ध्वजारोहण:-
पाटोत्सव को लेकर मंगलवार अल सवेरे 21 फिट लंबी ध्वजा को गाजे-बाजे के साथ बाबा के जयकारों के साथ मंदिर शिखर पर ब्राह्मणों के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ चढ़ाई।इस वार्षिकोत्सव
के अवसर पर क्षेत्र के आस-पास के कई गांवों से श्रद्धालु हाथों में रंग बिरंगी ध्वज पताकाएं लिए पैदल बाबा रामदेवजी के दर्शनार्थ पहुंचे।

महाप्रसादी का हुआ आयोजन:-
बाबा रामदेजी मंदिर के पाटोत्सव को लेकर 
मंगलवार को बाबा रामदेव जी को महाप्रसादी का भोग लगाकर महाप्रसादी का आयोजन किया गया।जिसमें हजारों की सख्या में श्रद्धालुओं ने
भाग लिया।इस दौरान ग्रामवासियों ने व्यवस्थाओं को सभाल रखा था।

साधु संतों का रहा सानिध्य:-
बाबा रामदेजी मंदिर के पाटोत्सव के दौरान
परेऊ मठ के मठाधीश ओंकार भारती महाराज,
होटलु महंत जनकपुरी महाराज, रणजीत आश्रम
महंत अमृताराम महाराज,राघवदास महाराज, टापरा महंत शम्भुवन महाराज, बिठूजा मठ के डूंगरपूरी महाराज, उमरलाई महंत, बिठूजा धाम के गादीपति घेवरराम सहित क्षेत्र के अनेको साधु संतों में भाग लिया।

विशाल भजन संध्या का आयोजन:-
बाबा रामदेवजी मंदिर बिठूजाधाम का 23 वां वार्षिकोत्सव (पाटोत्सव ) का दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत पूर्व सध्या सोमवार रात्रि को विशाल भजन संध्या एक शाम बाबा रामदेव जी के नाम का आयोजन किया गया।
आयोजित भजन संध्या का आगाज 
भजन गायक नारायण माजीराणा ने गणपति वंदना म्हारे आंगणा में पधारो गजानन्द जी... से किया।उन्होंने ने गुरु महिमा एकण बार आइजो गुरुजी बारम्बार आइयो....,के साथ बाबा रामदेव
के भजन उगमणी धरती सु बाबा आलम राजा आवे रे.....,मार्ग में रामदेवजी मिल गया रे...सहित
विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं को
को भक्तिरस से सरोबार किया।
उसके बाद ख्यातिप्राप्त भजन गायक श्याम
पालीवाल ने गुरु महिमा केणो सतगुरू सा रो मानो.....,सहित भजन खम्मा खम्मा रो रणुजा रा
धणिया.....,भजन घोड़ो घुमायों रामसापीर......, सुगणा उबी डागलिये..., बिठूजा श्याम आवो नी म्हारे द्वार.....सहित विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियां 
देकर उपस्थित श्रद्धालुओं को नाचने पर मजबूर कर दिया।भजन संध्या का मंच सचालन कोहिनूर
राजू माली ने बेहतरीन ढंग से किया।भजन संध्या के दौरान अथितियों, भामाशाह को ट्रस्ट मंडल
द्वारा साफा व दुप्पट्टा पहनाकर बहुमान किया गया।
भजन संध्या के दौरान केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मंदिर के विकास कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि ट्रस्ट अध्यक्ष भेरूलाल डागा और उनकी टीम के सामूहिक मेहनत का प्रतिफल हैं कि मंदिर का द्रुत गति से विकास हुआ हैं। बाबा का चमत्कार हैं कि यहाँ बिठूजा धाम में जो भी श्रद्धालु मन्नत माँगता हैं, उसकी मन्नत अवश्य ही पूर्ण होती हैं। 
चोधरी ने कहा कि पिछले कुछ दशकों से भूमिगत जल स्तर में गिरावट आने के कारण पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा हैं जिसके कारण फसल उत्पादकता कम हुई हैं। इसलिए किसानों को फसलों के विविधिकरण पर बल देकर नवीन तकनीक और कम पानी वाली फसलों जैसे अनार, मशरूम, खजूर आदि की खेती करनी चाहिये ताकि पैदावार भी बढ़ सके और किसान आत्मनिर्भर बन सके।मशरूम की खेती का उदाहरण देकर चौधरी ने कहा कि 100/250 वर्ग के सीमित क्षेत्र के ऊपर अगर मशरूम की खेती की जाये तो सालाना 70-80 लाख रूपये कमाए जा सकते हैं। इसके लिए युवाओं को भी कृषि के क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि युवा डिग्री के बाद नौकरी के लिये तलाश के साथ साथ उन्नत कृषि के लिये भी प्रयत्नशील रहना चाहिए। 
ट्रस्ट सचिव कुम्पाराम पंवार ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कुम्बा राम, हडमान प्रजापत, शंकर लाल गहलोत, करना राम
सुथार, राणाराम देवासी, बाबूलाल दर्जी, पुखराज प्रजापत, राम भील, मेहरा राम चौधरी, मँगल सिंह,
राणा राम मेघवाल, किशनाराम सरपंच, राणा राम चौधरी,दूदाराम,बाबूलाल पालीवाल, नेगाराम सुथार, वजा राम माली, राजू डागा, मदररूप राम चौधरी आत्माराम, किशनलाल, संदीप डागा, शंकर लाल चौधरी, सखा राम प्रजापत सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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